दमोहK14न्यूज- खबरों पर नजर-- भारत की आजादी के 72 साल बाद भी शूद्रों को अछूतों को, दलितों को जानवरो से तुच्छ बनाकर रखा जा रहा जिसका उदाहरण दिनांक 13/5/19 की दैनिक भास्कर की 3 खबरे हैं
पहली खबर भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में दलित दूल्हे को बारात के साथ पत्थर बरसाये और पीटा जिनकी गलती बस यह थी कि वह दूल्हा दलित समाज से था और घोड़े पर बैठ गया, यह भारत मे समानता का अधिकार। जिसे कुछ दंतकथाओं और मनुवादी रूढ़ीवादी प्रथाओं ने संविधान में दिए समानता के अधिकारों की धज्जियां उड़ा रखी है। इसी प्रकार
दूसरी खबर नरेंद्र मोदी जी के प्रदेश गुजरात से है जहाँ दलित दूल्हे को मंदिर में जाने नही दिया और मारपीट भी की, इस दूल्हे राजा का भी यही दोष था कि वह छोटी जाति का था। और मोदी जी कह रहे गुजरात मे ही नही पूरे भारत मे जातिवाद खत्म हो गया और समरस्ता जिंदा हैं। इसी जातिवाद के चलते
तीसरी घटना दमोह मध्यप्रदेश के सुजानपुरा में सदियों से दूल्हे को घोड़े पर बैठने नही दिया जाता था,
इस रूढ़ीवादी प्रथा को खत्म करने गांव वालों को भीम आर्मी का सहारा लेना पड़ा। तब उस गांव में दूल्हा घोड़े पर बैठ पाया, और भीम आर्मी ने इस कुरीति का अंत किया।
देखे ये है समरस्ता का भारत जहाँ जातियों के कारण एक दूसरे को अपना दुश्मन बना दिया अब आप ही बताये भारत की अखण्डता बचेंगी। अगर भारत सरकार को देश की एकता बरकरार रखनी है तो युद्व स्तर पर जातियों को खत्म करने का कार्य करना होगा।
लेखक--
भीमपुत्र(कोमल अहिरवार)
9584221414
पहली खबर भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में दलित दूल्हे को बारात के साथ पत्थर बरसाये और पीटा जिनकी गलती बस यह थी कि वह दूल्हा दलित समाज से था और घोड़े पर बैठ गया, यह भारत मे समानता का अधिकार। जिसे कुछ दंतकथाओं और मनुवादी रूढ़ीवादी प्रथाओं ने संविधान में दिए समानता के अधिकारों की धज्जियां उड़ा रखी है। इसी प्रकार
दूसरी खबर नरेंद्र मोदी जी के प्रदेश गुजरात से है जहाँ दलित दूल्हे को मंदिर में जाने नही दिया और मारपीट भी की, इस दूल्हे राजा का भी यही दोष था कि वह छोटी जाति का था। और मोदी जी कह रहे गुजरात मे ही नही पूरे भारत मे जातिवाद खत्म हो गया और समरस्ता जिंदा हैं। इसी जातिवाद के चलते
तीसरी घटना दमोह मध्यप्रदेश के सुजानपुरा में सदियों से दूल्हे को घोड़े पर बैठने नही दिया जाता था,
इस रूढ़ीवादी प्रथा को खत्म करने गांव वालों को भीम आर्मी का सहारा लेना पड़ा। तब उस गांव में दूल्हा घोड़े पर बैठ पाया, और भीम आर्मी ने इस कुरीति का अंत किया।
देखे ये है समरस्ता का भारत जहाँ जातियों के कारण एक दूसरे को अपना दुश्मन बना दिया अब आप ही बताये भारत की अखण्डता बचेंगी। अगर भारत सरकार को देश की एकता बरकरार रखनी है तो युद्व स्तर पर जातियों को खत्म करने का कार्य करना होगा।
लेखक--
भीमपुत्र(कोमल अहिरवार)
9584221414
Jai bhim Jai Bharat Jai samvidhan Jai bhim army
ReplyDeleteBheem Army Jindavad
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